व्यक्ति के लिए स्वर्ग और नर्क यहीं हैं, सब यही भोगना है
वेद व्यास जी ने वेदों का संपादन किया, सभी पुराणो और महाभारत की रचना की थी। उन्होंने एक बार सनतकुमार जी से पूछा, ‘मनुष्य को कभी-कभी तकलीफ उठानी पड़ती है, उसके आसपास का वातावरण ऐसा हो जाता है, जैसे नर्क हो। ऐसा क्यों होता है?’ सनतकुमार जी ने कहा, ‘चार प्रकार के पाप ऐसे हैं, […]
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